लेखनी प्रतियोगिता -14-Apr-2023 रोला

रोला छंद 

होते जब तुम पास, तृप्त मानस हो जाता।
छोटे–छोटे नैन, झलक दुनिया की पाता।।
नन्हें–नन्हें पैर, ठुमक कर मुझे लुभाते।
छाता हिय आनंद, निकट जब भी तुम आते।।

प्रतिपल रहें सतर्क, घड़ी कब कैसी आये।
शुभ्र-धवल सा व्योम, घटा से कब घिर जाये।।
सहसा हो बरसात, श्याम बदरी जब छाती।
ऋषभ कहे यह बात, मृत्यु कब कहकर आती।

ऋषभ दिव्येंद्र

#प्रतियोगिता हेतु

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6 Comments

Abhinav ji

15-Apr-2023 08:53 AM

Very nice 👌

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धन्यवाद आपका 🤗🙏

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Woow लाजवाब लाजवाब लाजवाब,,, पसंदीदा छंद,,, read करके मजा आ गया

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आभार आपका 🤗🙏

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अदिति झा

15-Apr-2023 12:51 AM

Nice 👍🏼

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शुक्रिया आपका 🤗🙏

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